जन सेवा अभेद आश्रम नारायणपुर में माँ भगवती के पालकी को सजा ढोल नगाड़ों संकीर्तन के साथ निकली माता रानी  का डोला

जन सेवा अभेद आश्रम नारायणपुर में माँ भगवती के पालकी को सजा ढोल नगाड़ों संकीर्तन के साथ निकली माता रानी  का डोला

नारायणपुर :- शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सप्तमी को मां कालरात्रि का पूजन जनसेवा अभेद आश्रम चिटकवाईन नारायणपुर में सम्पन्न की गई। इस अवसर पर मां भगवती की विशेष पूजन अर्चना कर डोला सजा कर नगर भ्रमण की गई।

    कल 8 बजे रात्रि मां भगवती का डोला नारायणपुर आश्रम से निकाला गया। स्थानीय ग्रामीणों एवं नगर के लोगों की उपस्थिति में विभिन्न पारंपरिक वाद्य यंत्रों नगाड़ो के साथ भक्तों का समूह भजन-कीर्तन करते हुए डोला में शामिल हुए । मां का डोला आश्रम में स्थित भगवती मंदिर से निकलकर नारायणपुर बस्ती मेन सड़क में भ्रमण कराया गया भ्रमण के दौरान जगह जगह श्रद्धालुओं ने अपने  घरों के सामने माँ भगवती की पूजा अर्चना कर आरती उतारी भ्रमण पश्च्यात  पुनः आश्रम परिसर पहुंचा। जहां पर आश्रम के पूज्य बाबा जी द्वारा पूजा अर्चना के बाद आरती की गई।

      सप्तमी कालरात्रि के अवसर पर इस डोला का विशेष महत्व है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर सप्तमी के पूजन के महत्व का फल प्राप्त करते हैं। इस दिन भगवती का विशेष श्रृंगार किया जाता है। ज्ञात हो कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरुपों की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है, जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करता है, उसे इस दौरान साधक स्वयं में स्थित होकर मां के विभिन्न नौ स्वरुपों की साधना करते हैं। अघोर आश्रमो में सप्तमी तिथि को मां का डोला निकालने की पंरपरा वर्षों से चली आ रही है। परंपरानुसार देवी मां सर्वेश्वरी का सोलह श्रृंगार कर उन्हें डोला में विराजमान कराया जाता है। इसके साथ ही बाजे-गाजे के साथ संकीर्तन यात्रा के साथ मां का डोला निकाला जाता है।डोला के साथ चलने व यात्रा में शामिल होने के लिए भी भक्तों की होड़ लगी रहती है।