धान की फसल में तना छेदक, बंकी और झुलसा जैसे बीमारियों से बचाव के लिए किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

धान की फसल में तना छेदक, बंकी और झुलसा जैसे बीमारियों से बचाव के लिए किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह

रायपुर:- छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ सीजन में अब तक 48.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी हैं। जबकि राज्य सरकार द्वारा इस सीजन में 48.63 लाख बोनी का लक्ष्य रखा गया है। इनमें प्रमुख रूप से धान की फसल की बोनी जाती है। इस साल अच्छी बारिश हुई हैं। लेकिन अच्छी बारिश होने के बावजूद, हाल के दिनों में तेज धूप और बदलते मौसम के कारण कुछ जिलों में धान की फसल में तना छेदक, बंकी और झुलसा जैसी बीमारियों के लक्षण सामने आ रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों को इन बीमारियों से बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
    कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तना छेदक से बचाव के लिए किसान फेरोमोन ट्रैप और लाइट ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। भूरा माहो कीट के नियंत्रण के लिए फोरेट का उपयोग न करने की सलाह दी गई है। यदि कीट प्रकोप गंभीर हो जाता है, तो इमिडाक्लोप्रिड या इथीप्रोप$इमिडाक्लोप्रिड दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।